Friday, 30 March 2012

......क्या करून में ...????

कभी कभी  लगता है की "वो" ही मेरा ज़िन्दगी है...
फिर कभी लगता है की "वो" मेरा कोई भी नहीं है....
सच तो ये है की हमारे बीच में रिश्ता तो है ही नहीं..
लेकिन क्या करून... "दिल है,के मानता नहीं..."


दिन रात...उसी के सोच में बिताती हूँ...
उसको याद करके जागती हूँ...
उसीके याद में सोती हूँ...
उस का नाम  तो मेरे हर साँसों में है...
मेरे हर धड़कन में हैं "वो"...

"वो" तो मेरा कोई भी नहीं हैं......
हाँ..लेकिन...पराये तो ज़रूर नहीं हैं...
लेकिन अपना तो नहीं कह सकती...
दोस्त है मेरा...फिर भी..."सिर्फ" दोस्त नहीं कह सकती...

प्यार करती हूँ में उससे...लेकिन...प्यार नहीं कर सकती...
भूलना चाहती हूँ...लेकिन...नहीं भूल सकती..
आखिर में करून क्या ... ???
कोई तो बता दें......


(I just gave a try.. Kindly forgive my mistakes.. :) )

9 comments:

  1. कुछ खिडकियां हमेशा खुली है . बस हम देख नहीं सकते. सबकुछ दिक् होगा मेरी बहन.

    ReplyDelete
    Replies
    1. sorry.. ! this one went to spam.. ! :(
      now only I saw it.. any way.. Thanks.. :)

      Delete
  2. njan hindi okke marannu poyi....
    he he he....!!

    acha he , meri dosth...

    ReplyDelete
  3. thamasam kolkatayil anelum.. hindiyude abcd enikariyilla.. athukondu thane bayankara bhudimuttanu thanum.. athu kondu comments onum thane varunilla... etyalum oru variety try cheythathinu abhinandangal... this shows u r multi talented... :)

    ReplyDelete
    Replies
    1. he he.. njan oru hindi expert onnum alla.... there will be lots of mistakes in this post... I just gave a try...
      Any ways... Thanks for your inspiration..
      Keep reading.. :)

      Delete
  4. a nice try... let me say experiment was too gud :)

    ReplyDelete
    Replies
    1. oh.. thank you soo much... was waiting for your review for a long time..... :)

      Delete
    2. datz luvly... & yaa am back after my xamzz :)

      Delete